Friday, January 14, 2011

दोड़ प्रतियोगिता

एक बार जंगल के सभी जानवरों ने सोचा की पुराने समय की तरह एक बार फिर से कछुए और खरगोश की दोड़ करवानी चाहिए. उन्होंने पहले खरगोश से बात की. खरगोश झट से तैयार हो गया. उसने सोचा की यह अच्छा अवसर है जब वो अपने पूर्वजों की बेइज्जती का बदला ले सकता है. उसके बाद सभी जानवरों ने कछुए से बात की. परन्तु कछुए ने कोई उत्साह नहीं दिखाया. परन्तु जानवर इस बात पर अड़े हुए थे और उन्होंने प्रतियोगिता की तारीख घोषित कर दी. प्रतियोगिता के दिन खरगोश तैयार हो कर स्थल पर पहुंच गया. उसके बाद कुछ जानवर कछुए को भी घर से ले आए. ठीक समय पर सीटी बजी और खरगोश तेजी से भाग गया. कछुआ आराम से चलने लगा. सभी जानवर वहां से कई मील दूर जहाँ दोड़ खत्म होनी थी वहां पहुंच कर दोनों का इंतजार करने लगे. थोड़ी देर बाद खरगोश पसीने से लथपथ वहां पहुंच गया. उसके बाद सभी कछुए का इंतजार करने लगे. परन्तु कछुआ वहां नही पहुचा. शाम तक इंतजार करने के बाद सभी जानवर ये देखने के लिए की आखिर बात क्या है कछुए के घर पहुंचे. वहां देखा कछुआ घर के सामने चबूतरे पर बैठा आराम से चाय पी रहा है. जानवरों को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने दोड़ में भाग न लेने का कारण पूछा. कछुए ने कहा की निश्चित परिणाम मालूम होने के बावजूद उस प्रतियोगिता में भाग लेने की बजाए उसने कुछ दुसरे जरूरी काम निपटाना ठीक समझा. उसे अपने पूर्वजों की मेहनत पर पानी फेरने का क्या हक है? यह जवाब सुनकर सभी जानवर अपने अपने घर चले गये.

*******बड़े सपने देखना अच्छी बात है,परन्तु अव्यवहारिक लक्ष्य हमेशा निराशा पैदा करता है.सफलता के लिए हमेशा व्यावहारिक लक्ष्य सामने रखो और पूरी मेहनत से काम करो.****************

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