Thursday, January 13, 2011

घास का व्यापार

एक बार मुल्ला नसीरूदीन अपने गधों पर घास के गट्ठर लाद कर पडोस के राज्य में बेचने गया .उस राज्य के कस्टम अधिकारी बहुत सख्त थे.उन्होने सारे गट्ठर खोल कर अच्छी तरह जाँच की.फिर उसे जाने दिया. इस तरह हररोज मुल्ला नसीरूदीन अपने गधों पर घास के गट्ठर लाद कर वहां बेचने जाता. अधिकारी उसकी अच्छी तरह जाँच करते परन्तु उन्हें कुछ नही मिलता. इस तरह कई महीने गुजर गये. एक दिन परेशान हो कर उन अधिकारिओं ने मुल्ला से पूछा की मुल्ला, आप इन घास के गट्ठरों में क्या छुपाकर ले जाते हो जो  हमे आज तक नहीं मिला. मुल्ला नसीरूदीन ने जवाब दिया की मैं घास का नहीं, बल्कि गधों का व्यापार करता हूँ. तुम घास छानते रहते हो और मैं गधे बेचकर आ जाता हूँ.

***** बहुत बार चीजें वैसी नहीं होती जैसी पेश  की जाती हैं. इसलिए सचेत नागरिक को हुकुमत के फैसलों के पीछे छिपे असली कारण देख लेने चाहिएं.******

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