रात दिन नामा-ओ -पैगाम कहाँ तक होगा,
साफ कह दीजीय मिलना हमे मंजूर नही !
गजब किया तेरे वादे पे एतबार किया ,
तमाम रात कयामत का इंतजार किया !
लूटेंगी वो निगाहें हर कारवां दिल का ,
जब तक चलेगा रस्ता ये रहजनी रहेगी !
कुछ जहर न थी शराबे अंगूर ,
क्या चीज हराम हो गई है !
उनसे कह दी है आरजू दिल की,
अब मेरी बात का जवाब कहाँ !
साफ कह दीजीय मिलना हमे मंजूर नही !
गजब किया तेरे वादे पे एतबार किया ,
तमाम रात कयामत का इंतजार किया !
लूटेंगी वो निगाहें हर कारवां दिल का ,
जब तक चलेगा रस्ता ये रहजनी रहेगी !
कुछ जहर न थी शराबे अंगूर ,
क्या चीज हराम हो गई है !
उनसे कह दी है आरजू दिल की,
अब मेरी बात का जवाब कहाँ !
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