Friday, February 4, 2011

भोर के स्वागत की तैयारी करो

----"सफल न होने के हजार कारण हो सकते हैं, परन्तु असफल होने का एक ही कारण होता है, छोड़ देना !"-------

                             एक आदमी किसी काम के लिए मेहनत करता है, परन्तु उसे वांछित सफलता नही मिलती. इसलिए हम उसके बारे में कह सकते हैं की वो अब तक कामयाब नही हुआ. सफल न होना और असफल हो जाना दो अलग अलग चीजें हैं.                                                                              जब कोई वैज्ञानिक किसी खोज में लगा होता है तो हो सकता है की वह सालों तक कामयाब न हो. तब तक उसे कोई नही जानता परन्तु एक दिन जब वह कामयाब हो जाता है तो उसी दिन सारी दुनिया उसे जान जाती है. अगर वह कामयाब होने से कुछ दिन पहले थक कर छोड़ देता तो जरुर असफल हो जाता.
                              दुसरे शब्दों में आप इसे इस तरह कह सकते हैं की जैसे कोई आदमी हथौड़े से किसी पत्थर को तोड़ने की कोशिश कर रहा होता है परन्तु किस चोट के बाद पत्थर टूटने वाला है उसे नही पता होता, अगर वह अपनी कोशिश बीच में ही छोड़ देता है तो हो सकता है की उससे अगली ही चोट में पत्थर टूटना होता. लोग अक्सर सफलता के बहुत नजदीक अपनी कोशिश छोड़ देतें हैं, और असफल कहलातें हैं.
                               इसलिए कभी भी " छोडिये मत "!  सफल होने के तरीके उसके बाद शुरू होतें हैं.

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